Tuesday 4 September 2018

तुम डरते हो

तुम डरते हो हम लिख देंगे
तुम डरते हो हम रंग देंगे
तुम डरते हो कि दुनिया को
जिसको तुम अपना कहते हो
जो नीरस है जो भयमय है
स्वच्छंद ख्वाब तनिक देंगे
तुम डरते हो ।।

तुम कट्टरता सिखलाते हो
दंगे में आग लगाते हो
मनुवादी सोच तुम्हारी है
पिछड़ेपन की बीमारी है
आर्यभट्ट पर नाज तुम्हे
पर न्यूटन से कन्नी करते हो
तुम डरते हो ।।

तुमने यीशू को मारा है
बापू का संहार किया
निज कितने हीं आरस्तु ,प्लाटो पर
छिप कर पीछे से वार किया
कितने भी दावे कर लो तुम
कितना हीं ना यशगान करो
कितना भी बोलो लोगो से
कि राष्ट्रधर्म में करते हो ।
तुम डरते हो ।।

चोंगा जो तुमने डाला है
आडम्बर ये जो करते तो
कितना भी भगवा हरा पहन लो
लोगों को मालूम है लेकिन
दिल के तुम बिल्कुल काले हो
तुम डरते थे तुम डरते हो डरते हीं रहने वाले हो  ।।

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